सोनभद्र-: विंध्य संस्कृति शोध समिति उ०प्र० ट्रस्ट के कार्यालय पर विंध्य गौरव सम्मान से अलंकृत हुए आर्यन केसरी

 सोनभद्र-: विंध्य संस्कृति शोध समिति उ०प्र० ट्रस्ट के कार्यालय पर  विंध्य गौरव सम्मान से अलंकृत हुए आर्यन केसरी

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सोनभद्र ब्यूरो कार्यालय

रॉबर्ट्सगंज (सोनभद्र)। साहित्य,कला, संस्कृति के क्षेत्र में अनवरत रूप से कार्यरत विंध्य संस्कृति शोध समिति उत्तर प्रदेश ट्रस्ट के प्रधान कार्यालय में आयोजित सम्मान समारोह में जनपद मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज के निवासी वस्त्र व्यवसाई विजय केसरी- शालू केसरी के जेष्ठ पुत्र आर्यन केसरी को ट्रस्ट के निदेशक दीपक कुमार केसरवानी द्वारा माल्यार्पण कर अंगवस्त्रम, सम्मान पत्र स्मृति चिन्ह प्रदान कर विंध्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।
उन्होंने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कहा कि-” आर्यन केसरी उन योग्यतम, सफल विद्यार्थियों में रहे हैं जिन्होंने आईआईटी जैम केमिस्ट्री 2021 की प्रतियोगी परीक्षा में संपूर्ण देश में 47वा रैक प्राप्त कर जनपद सोनभद्र का नाम देश भर में रोशन किया है।”
कार्यक्रम की अध्यक्षत मधुरिमा साहित्य गोष्ठी के निदेशक/वरिष्ठ साहित्यकार अजय शेखर, मुख्य अतिथि संत किनाराम स्नातकोत्तर महाविद्यालय कैमूर पीठ रॉबर्ट्सगंज के प्राचार्य डॉ गोपाल सिंह, विशिष्ट अतिथि राजा शारदा महेश इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य शिवधारी शरण राय, सेवानिवृत्त गणित के प्रवक्ता राजाराम केसरी, कवि सुशील राही, शिव नारायण “शिव”पापा जी अमरनाथ “अजेय”भाजपा के जिला महामंत्री कृष्ण मुरारी गुप्ता, विजय केसरी, ट्रस्ट के मीडिया प्रभारी हर्षवर्धन केसरवानी, साहित्यकार प्रतिभा देवी,शालू केसरी शिक्षिका कुमारी तृप्ति केसरवानी, राधेश्याम बंका उपस्थित रहे।
विंध्य गौरव सम्मान से सम्मानित मेधावी छात्र आर्यन केसरी ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि-“सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता और सफलता प्राप्त करने के लिए अनवरत मेहनत ईमानदारी के साथ करनी चाहिए और यही मैंने किया।
मेरा शुरू से यह लक्ष्य रहा कि मैं आई आई टी की प्रतियोगी परीक्षा पास करूं और प्रारंभिक काल में मैअसफल भी रहा। इसीलिए डीएवी सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल रॉबर्ट्सगंज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद मैं 1 वर्षों तक तैयारी में लगा रहा और दिन रात एक करके मैंने मेहनत किया लॉकडाउन में जब संपूर्ण देश में बंदी हो गई, कहीं आने- जाने, आवागमन का साधन बंद हो गया ऐसी विकट परिस्थिति में मैंने नेट के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी किया। उन दिनों सबसे ज्यादा दिक्कत नेट की होती थी, दिन में नेट ना होने के कारण मेरी पढ़ाई बाधित होती थी इसलिए मैंने रात को पढ़ाई किया और दिन में सोया इस प्रकार लगातार 1 साल की कड़ी मेहनत के बाद मैं इस प्रतियोगी परीक्षा को में सफल हो पाया। मेरा लक्ष्य आईआईएससी बेंगलुरु द्वारा आयोजित इंटरव्यू क्वालीफाई कर नैनो पार्टिकल में रिसर्च करने का है। इसके अंतर्गत 2 साल का एमएससी और 5 साल का शोध कार्य होगा।
सफलता का श्रेय उन्होंने अपने माता-पिता को देते हुए कहां की मेरे असफल होने पर मेरा हौसला अफजाई करने वाले मेरे माता- पिता प्रोत्साहित करते रहे इसका परिणाम रहा कि आज मैं इस परीक्षा को पास कर पाया इस परीक्षा में 70,000 विद्यार्थियों ने भाग लिया था।
कार्यक्रम में अन्य साहित्यकार, पत्रकार, समाजसेवी नागरिकगण उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का सफल संचालन ट्रस्ट के मीडिया प्रभारी हर्षवर्धन केसरवानी ने किया।


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