सोनभद्र-: हिंदी के उत्तरोत्तर विकास के लिए विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान ने किया मंथन

 सोनभद्र-: हिंदी के उत्तरोत्तर विकास के लिए विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान ने किया मंथन

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● रजत जयंती समारोह में कई प्रांतों के हिंदी सेवियों ने किया प्रतिभाग

● हिंदी की उल्लेखनीय सेवा के लिए दर्जनों किए गए सम्मानित

मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी

सोनभद्र। हिंदी को विश्व की सर्वाधिक लोकप्रिय भाषा का स्थान दिलाने के लिए प्रयासरत अंतरराष्ट्रीय संस्था ‘विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान’ प्रयागराज इन दिनों अपना रजत जयंती समारोह मना रहा है। समारोह के प्रथम दिन शनिवार को प्रयागराज के हिंदुस्तानी एकेडमी के महात्मा गांधी सभागार में हिंदी भाषा के उत्तरोत्तर विकास पर विद्वानों द्वारा विचार व्यक्त किए गए।
इस दौरान देश के कई प्रदेशों से आए हिंदी सेवियो की महत्वपूर्ण उपस्थिति रही। दो सत्रों में चले रजत जयंती समारोह में कविता पाठ और हिंदी पर विचार व्यक्त किए गए। इस अवसर पर दर्जनों हिंदी सेवियो को विभिन्न उपाधियां प्रदान की गई और कईयों का सम्मान भी किया गया।

राकेश शरण मिश्र हुए सम्मानित

समारोह के मुख्य अतिथि प्रकांड विद्वान व हिंदुस्तानी एकेडमी के अध्यक्ष दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री उदय प्रताप सिंह, विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ के मूर्धन्य विद्वान डॉ विनय कुमार पाठक और उत्तर प्रदेश सोनभद्र के राष्ट्रपति व राज्यपाल पुरस्कृत सेवानिवृत्त शिक्षक व साहित्यकार ओम प्रकाश त्रिपाठी तथा अध्यक्षता कर रहे विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान के अध्यक्ष शहाबुद्दीन शेख और सचिव डॉ गोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी द्वारा सोन साहित्य संगम सोनभद्र के संयोजक कवि एवं पत्रकार राकेश शरण मिश्र को उनकी हिंदी सेवा के लिए उल्लेखनीय योगदान हेतु मेडल, सम्मान पत्र और अंगवस्त्रम भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, तामिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और आंध्र प्रदेश से सैकड़ों हिंदी प्रेमी मौजूद रहे।


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