4 मार्च 1989 को उद्घाटित हुआ था सोनभद्र जनपद

 4 मार्च 1989 को उद्घाटित हुआ था सोनभद्र जनपद

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सोनभद्र ब्यूरो कार्यालय

● सभी कल्याणकारी योजनाएं संचालित है जनपद में।

● मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज एवं हवाई अड्डा मिल चुका है सौगात में।

● जनपद की 32 वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर आयोजित हुई संगोष्ठी।

● दुद्धी वासियों को जनपद की सौगात मिलने की आशा।

● फिल्म सिटी बनने की ओर अग्रसर सोनभद्र।

● सोनभद्र जनपद की स्थापना में सहयोग देने वाले दिवंगत जनों को दी गई श्रद्धांजलि।

रॉबर्ट्सगंज (सोनभद्र)। विंध्य संस्कृति शोध समिति उत्तर प्रदेश ट्रस्ट के तत्वाधान मेंसोनभद्र जनपद की 32 वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। अवसर पर अपना अनुभव एवं विचार व्यक्त करते हुए ट्रस्ट के निदेशक दीपक कुमार केसरवानी ने कहा कि-“
4 मार्च 1989 को मिर्जापुर के दक्षिणांचल को सोनभद्र जनपद के रूप में एक नई पहचान मिली थी, उस समय मैं 18 वर्ष का युवा था, दिल में काम करने का जज्बा, लिखनी के माध्यम से शासन प्रशासन तक जनसमस्याओं को पहुंचाने का जुनून, जिला बनाओ आंदोलन के संघर्ष समिति का सक्रिय सदस्य, जिला बनाओ आंदोलन के संघर्ष समिति के सदस्यों, पदाधिकारियों, साहित्यकारों, पत्रकारों, नागरिकों, बुद्धिजीवियों के जज्बात, विचारों को शासन प्रशासन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी कंधे पर उठाए, राजा शारदा महेश इंटर कॉलेज के छात्र नेता के रूप में में सक्रिय था। जनपद मिर्जापुर के दक्षिणांचल के नाम से आधुनिक सोनभद्र को जाना जाता था।”

कानूनी परामर्श केंद्र के सचिव एवं वरिष्ठ अधिवक्ता जितेंद्र बहादुर सिंह ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि- “सोनभद्र जनपद के सृजन में रॉबर्ट्सगंज तहसील के साहित्यकारों, पत्रकारों, समाजसेवियों, राजनेताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है इनमें सर्वप्रथम रॉबर्ट्सगंज संसदीय क्षेत्र के सांसद स्वर्गीय राम प्यारे पनिका विधायक तीरथराज, प्रख्यात पत्रकार महावीर प्रसाद जालान, सत्यनारायण जालान, युवा पत्रकार मुर्तुजा हसन हाशमी, जितेंद्र सिंह, अधिवक्ताओं में चंद्र भूषण मिश्रा, महेंद्र नाथ पांडे, रमेश देव पांडे, रॉबर्ट्सगंज नगर में आंदोलन के नेतृत्व को धार देने वाले युवा श्याम राय, श्याम दुबे, सुधांशु राय, ज्ञानेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव, भोलानाथ मिश्रा , दीपक कुमार केसरवानी आदि युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा। अधिवक्ता ज्ञानेंद्र शरण राय ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि-” 4 मार्च 1989 को तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी नवीन मंडी समिति परिषद के मंच पर जनपद सोनभद्र का उद्घाटन करते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश के मानचित्र पर एक नए जनपद का उदय हुआ है और एक दिन यह जनपद भारतभद्र बनेगा उन्होंने इस जनपद के युवाओं को रोजगार और जनपद विकास की तमाम बातें कही थी और एक स्लोगन दिया था कि अमीरों से पैसा लो गरीबों को पैसा बाटो।
युवा पत्रकार हर्षवर्धन केसरवानी ने कहा कि- शिव आधार सिंह नेता के संपादक में मुंशी घाट वाराणसी से प्रकाशित मासिक पत्रिका अपराध संग्रह में उत्तर प्रदेश का 62 वां जिला सोनभद्र शीर्षक से लेख साथ साथ उस समय जनपद उद्घाटन का समाचार आज, स्वतंत्र भारत ,अमृत प्रभात, जन वार्ता, दैनिक जागरण, भारत दूत आदि समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ था, जनपद के स्थापना के अवसर पर मुख्यमंत्री के सम्मान में एवं जिला बनाओ आंदोलन की विस्तृत गाथा,अन्य विवरण पंफलेट के रूप में वितरित किया गया था।4 मार्च 1989 को सभी नगर वासियों ने अपने घरों पर दीपक जलाकर जनपद के स्थापना दिवस को पूरे नगर में बड़े उत्साह के साथ उत्सव के रूप में मनाया गया इस अवसर पर पटाखे फोड़े गए मिठाईयां बांटी गई और नगर वासियों ने अपने घरों और दुकानों को दीप मालाओं से सजाया था। आज भी यह सभी प्रकाशित सामग्रियां ट्रस्ट के प्रधान कार्यालय में उपलब्ध है।

सोनभद्र जनपद के उद्घाटन के बाद इस क्षेत्र के पुरातात्विक, ऐतिहासिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, प्राकृतिक रूप से एक स्वतंत्र पहचान प्राप्त मिली। सलखन स्थित फॉसिल्स पार्क को 35 देशों के वैज्ञानिकों ने विश्व का सबसे खूबसूरत, अधिक क्षेत्रफल वाला, डेढ़ वर्ष अरब वर्ष प्राचीन बताकर पूरे विश्व में तहलका मचा दिया था, इसी प्रकार सोनभद्र जनपद में पुरातत्वविद आर्किबाल्ड कारनाइल्स ने सोनभद्र के जंगलों में प्रथम गुफा चित्रों की खोज विश्व के पुरातत्व विधियों का ध्यान सोनभद्र जनपद की ओर आकर्षित किया था शोध और अध्ययन के पश्चात पुरातत्व उन्होंने यह साबित कर दिखाया कि विश्व का सबसे ज्यादा गुफा चित्रों वाला क्षेत्र सोनभद्र जनपद है।
आदिवासी संस्कृति से ओतप्रोत आदिवासी बाहुल्य जनपद सोनभद्र में भले ही आदिवासियों को आर्थिक रूप से दीन हींन दृष्टि से देखा जाता हो लेकिन संस्कृति, साहित्य, कला से समृद्ध इस क्षेत्र में प्रचलित करमा नृत्य के बिना केंद्र सरकार, राज्य सरकार का कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम पूरा नहीं होता है।
सोनभद्र जनपद अपने आप में एक अनूठा जनपद है जहां पर 130 किलोमीटर की परिधि में भूतात्विक,पुरातात्विक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं आदिवासी संस्कृति की अपनी एक अलग पहचान है इनके संरक्षण संवर्धन पर्यटन विकास का कार्य होना चाहिए।
आज जनपद सोनभद्र की स्थापना को 32 वर्ष पूरे हो चुके हैं ,जनपद की स्थापना, जनपद मुख्यालय के आंदोलन में भाग लेने वाले अनेकों आंदोलनकारी दिवंगत हो चुके हैं उस समय के युवा आज प्रौढ़ हो चुके हैं, बावजूद इसके इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज सोनभद्र की स्थापना, मुख्यालय के लिए संघर्ष की गाथा जनपद वासियों को हमेशा अपने अधिकारों के लड़ाई के लिए प्रेरित करती रहेगी ।
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जनपद सोनभद्र को इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, हवाई अड्डा इत्यादि सरकारी योजनाओं की सौगात दी गई है उसी प्रकार सोनभद्र जनपद को विभाजित कर एक नए जनपद की स्थापना निश्चित रूप सरकार द्वारा की जाएगी।
संगोष्ठी में रमेश देव पांडे, चंदन केसरी, सौरभ गुप्ता, साहित्यकार प्रतिभा देवी, कवित्री तृप्ति केसरवानी, विजय केसरी, राधेश्याम बंका सहित अन्य गणमान्य नागरिक साहित्यकार पत्रकार उपस्थित रहे।


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