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● शहीद दिवस पर 28 राज्य व 8 केंद्र शासित प्रदेशों में होगा रक्तदान शिविर का आयोजन

● विडीओ कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे शिविर का उद्घाटन

● नशा नहीं, रक्तदान कीजिए: रामनाथ कोविंद

रेणुकूट। वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए प्रयास रेणुकूट निफा के साथ मिलकर लगाएगा शहादत दिवस पर रक्तदान शिविर 90 वर्ष पहले एक इतिहास लिखा गया था जब देश की आज़ादी के लिए भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को फाँसी के फंदे पर लटका कर शहीद किया गया था। अंग्रेज़ी हकूमत की ग़ुलामी को ख़त्म करने के लिए अपने प्राणो को न्योछावर करने वाले इन महान शहीदों की याद में 23 मार्च 2021 को देश फिर से एक इतिहास रचने जा रहा है। देश के महामहिम राष्ट्रपति भी इस इतिहास के साक्षी बनने जा रहे हैं। नैशनल इंटेग्रेटेड फ़ोरम आफ आर्टिस्ट्स एंड एक्टिविस्टस की ओर से शुरू किए गए संवेदना अभियान के तहत इस दिन देश भर में 1500 से ज़्यादा रक्त दान शिविर आयोजित होंगे जिनमे 1.5 लाख से लगभग रक्त यूनिट दान कर शहीदों को श्रधांजलि दी जाएगी। उतर प्रदेश के लगभग 410 संस्थाओं के सहयोग से पूरा किया जा रहा है। जिनमे 24600 यूनिट रक्त एकत्रित किया जाएगा।

इस सम्बंध में जानकारी देते हुए संवेदना अभियान के उतर प्रदेश से सह संयोजक दिलीप दुबे ने बताया कि आगामी 23 मार्च को देश के सभी 28 राज्यों व 8 केंद्र शासित प्रदेशों में एक साथ आयोजित होने जा रहे 1500 से ज़्यादा रक्त दान शिविरों का उद्घाटन विडीओ कोनफ़्रेंस के माध्यम से देश के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे और इस सम्बंध में उनकी लिखित स्वीकृति आ चुकी है। नशा नहीं, रक्तदान कीजिए। युवाओं को इस संदेश के साथ देश को स्वैच्छिक रक्त दान के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने के इस प्रयास में उतर प्रदेश के युवा भी बड़ी संख्या में जुट रहे हैं। संवेदना के प्रदेश सह संयोजक दिलीप दुबे ने बताया कि रक्त दान के इस महाअभियान में आज पूरा देश ही नहीं विदेशों में रह रहे अप्रवासी भारतीय भी इस अभियान से जुड़ चुके है ओर सभी की सक्रिय भागीदारी से यह अभियान अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। पूरा वर्ष बर्फ़ से ढके रहने वाले लहौल स्पीती में पहली बार रक्त दान शिविर आयोजित होगा। पश्चिमी बंगाल में केवल महिला रक्त दाताओं का शिविर लगाया जाएगा ओर साथ ही किन्नर समाज के लोग रक्त दान शिविर आयोजित कर इस क्षेत्र में एक नई शुरुआत करेंगे। ब्रह्म कुमारी के मेडिकल विंग, राष्ट्रीय रक्त संचरण परिषद (एनबीटीसी), इंडियन रेडक्रास सोसायटी, नैशनल इंटेग्रेटेड मेडिकल असोसीएशन, इंडीयन सोसायटी आफ ब्लड ट्रैन्स्फ़्यूज़न एंड इम्यूनोहाईमटोलोजि और अन्य सामाजिक संगठनों के सहयोग से चलने वाले राष्ट्र व्यापी अभियान में एक ही दिन 1500 से अधिक रक्तदान शिविर लगाए जाएँगे जिनमे लगभग 1.5 लाख यूनिट रक्त इकट्ठा कर करोना काल में रक्त की कमी को दूर करने में एक बड़ा हिस्सा डाला जाएगा। लक्ष्य यह कि कोरोना काल में जरूरतमंदों को खून की कमी न हो ओर देश में हर वर्ष रक्त की होने वाली कमी को समाप्त किया जाए। उतर प्रदेश के सह संयोजक दिलीप दुबे ने कहा कि भारत में हर वर्ष आवश्यकता से 20 लाख यूनिट रक्त कम इकट्ठे होते हैं ओर करोना संकट में यह कमी इस से बहुतज़्यादा होने वाली है। क्योंकि जहां सोशल डिस्टन्सिंग, करोना के भय, शैक्षणिकसंस्थाओं के बंद रहने के कारण रक्त दान कम हो रहा है वहीं भारत में रक्त दानको लेकर भ्रांतियाँ भी हैं जिनके कारण लोग रक्त दान करते हुए डरते हैं। विश्वमें दूसरे सबसे ज़्यादा आबादी का देश ओर लगभग 65 करोड़ की सर्वाधिक युवा जनसंख्या होने के बावजूद मात्र एक से डेढ़ प्रतिशत युवा रक्त दान करते हैं। हर वर्ष इतनी बड़ी संख्या में रक्त की कमी हमें सोचने पर मजबूर करती है। इसी प्रकार करोना में प्लाज़्मा के अनेक बैंक खुलने ओर लाखों लोगों के करोना पॉज़िटिव से नेगेटिव होने के बावजूद प्लाज़्मा डोनर की संख्या नगण्य है। देश भर में रक्त दान के फ़ायदे बताने के लिए ये अभियान शुरू किया गया है ताकि सभी को ये पता चले कि रेगुलर रक्त दान करने वाले लोगों को दिल का दौरा पड़ने का ख़तरा कम हो जाता है, उन्मे लिवर कैन्सर व पीलिया की सम्भावना कम हो जाती है, मोटापा कम होता है व गम्भीर बीमारियों के टेस्ट निशुल्क हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त हर रक्त दाता अपनी एक यूनिट रक्त के दान से चार लोगों की जान बचाता है। इस मुद्दे पर पूरे देश को जागरूक करने के लिए निफ़ा के साथ पूरे देश में 1000 से अधिक संस्थाएँ संवेदना अभियान के तहत एक जुट होकर जागरूकता अभियान चला रही हैं।

संवेदना के सम्बंध में जानकारी देते हुए। प्रीतपाल सिंह पुन्नू ने बताया कि इस अभियान के बाद राष्ट्रीय स्तर पर एक सॉफ़्ट्वेर व मोबाइल ऐप भी लॉंच की जाएगी जिसमें देश भर के रक्त दाताओं का डेटा होगा व किसी को भी देश के किसी भी हिस्से में रक्त की आवश्यकता होने पर उसकी ज़रूरत उस शहर के उस रक्त ग्रूप के दानियों के माध्यम से पूरी हो जाएगी।