13 जून से विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान का तीन दिवसीय आभासीय रजत जयंती समारोह

 13 जून से विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान का तीन दिवसीय आभासीय रजत जयंती समारोह

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(सोनभद्र कार्यालय)

● प्रकाशित होगी ५०० पृष्ठों की रजत स्मारिका: डॉक्टर गोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी

सोनभद्र। हिंदी भाषा एवं साहित्य के उन्नयन हेतु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी ‘विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान’ प्रयागराज ने अपने उद्देश्यों की प्रतिपूर्ति करने के २५ वर्ष पूर्ण करने पर रजत जयंती समारोह आयोजित करने का निश्चय किया है। उक्त जानकारी संस्थान के सचिव डॉक्टर गोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी ने रविवार को संस्थान के पदाधिकारियों एवं हिंदी सांसदों की आभासीय बैठक में दी। उन्होंने बताया कि तेरह,चौदह और पंद्रह जून को वर्चुअल माध्यम से रजत जयंती समारोह आयोजित किए जाएंगे। आगे कहा कि सितंबर या अक्टूबर माह में भौतिक स्तर पर रजत जयंती समारोह और रजत स्मारिका का विमोचन तथा सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा।

आभासीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे संस्थान के अध्यक्ष डॉक्टर शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में संस्थान से जुड़े पदाधिकारियों एवं देश विदेश में रह रहे हिंदी सेवियो से संस्थान के उद्देश्यों को और अधिक पंख लगाने के लिए तथा हिंदी भाषा और साहित्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊंचाइयां प्रदान करने हेतु अधिकाधिक लोगों को संस्थान से जोड़ने तथा रजत जयंती समारोह और उस पर प्रकाशित होने वाली रजत स्मारिका को सफल बनाने हेतु अधिकाधिक आर्थिक व साहित्यिक सहयोग और विज्ञापन निर्धारित तिथि के पूर्व उपलब्ध कराने की अपेक्षा की। बैठक का सफल संचालन जहां डॉक्टर मुक्ता कौशिक ने किया, वही हिंदी सांसद ओम प्रकाश त्रिपाठी, नरेंद्र भूषण, वंदना श्रीवास्तव, रश्मि चौबे, पुष्पा शैली, डॉक्टर प्रभांशु औरसंस्थान के विशेष सलाहकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी समेत दर्जनों हिंदी सेवियों ने अपने विचार व्यक्त किए।


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