म्योरपुर/ राजाराम
म्योरपुर क्षेत्र के बी एस ए गोविंदपुर प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को पेंसिल, कॉपी, शर्ट का वितरण किया गया जिसमें 50 बच्चों को वितरण कर स्वामी अरविंद ने उन बच्चों को शुभकामनाएं भी दी मौके पर आश्रम के अध्यक्ष पंडित अजय शेखर ने कहा कि गुरु शिष्य परंपरा की जीवंत बनाए रखने से ज्ञान की प्राप्ति होती है आज हम केवल किताबी का ज्ञान को आधार बनाने में लगे हैं जिससे नौकरी की आस बनी रहे नौकरी मिलना तो दूर की बात है शेखर ने कहा कि स्कूल में पढ़ाई के साथ संस्कार शिक्षा बहुत जरूरी है और जिस छात्र को संस्कार मिल गया वह जीवन में सफल होगा शिक्षा ग्रहण का मतलब केवल नौकरी नहीं अपितु शिक्षा का मतलब है कि छात्र का सर्वांगीण विकास हो और उन्होंने कहा कि खेल, कूद, गीत, संगीत बोलने की शैली शारीरिक विकास आदि का शिक्षण होता है माता-पिता का सेवा और उनका कहना मानना चाहिए। स्वामी अरविंद ने कहा कि हुनर युक्त शिक्षा से ही रोजगार संभव है जिससे जो रुचि हो वह वही काम करे और उन्होंने कहा कि जापान हमारे सामने उदाहरण है कि वहां के छात्र खुद के काम में निपुण होते हैं और उन्हें नौकरी के लिए भटकना नहीं पड़ता है गांव में भी रोजगार की संभावना है जिसे लोग स्वतह कर सकते हैं।