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कमलेश पाण्डेय/8382048247

– त्री नितिन गडकरी एक मार्च को गंगा नदी पर निर्मित होने वाले छह लेन के पुल व बाईपास का करेंगे शिलान्यास

– केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने किया स्थलीय निरीक्षण, मेगा परियोजना की मिल चुकी है प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति

मिर्जापुर। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री व जनपद की सांसद अनुप्रिया पटेल के विशेष प्रयास से मिर्जापुर में 1702 करोड़ की लागत से शिवपुर विंध्याचल के पास गंगा नदी पर 6 लेन का पुल और बाईपास का निर्माण होने जा रहा है। इस मेगा परियोजना की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एक मार्च को इस मेगा परियोजना का शिलान्यास करेंगे। इसी के मद्देनजर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मंगलवार को इस परियोजना का स्थलीय निरीक्षण किया एवं अधिकारियों को अवश्यक दिशा निर्देश दिया।
अनुप्रिया पटेल के विशेष प्रयास से जनपद वासियों को यह बड़ी सौगात मिली है। मीरजापुर में गंगा नदी पर विंध्य धाम के पास एक नए 6 लेन के उच्च क्षमता वाले पुल के साथ-साथ मीरजापुर बाईपास मार्ग का निर्माण होगा।
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इस मेगा परियोजना की स्वीकृति हेतु 21 फरवरी को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर अनुरोध किया था। इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इस बाबत 20 जनवरी 2024 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और 24 सितंबर 2023 को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन को पत्र लिखकर गंगा नदी पर विंध्य धाम के आसपास एक नए 6 लेन के उच्च क्षमता वाले पुल के साथ-साथ मीरजापुर बाईपास मार्ग के निर्माण हेतु पत्र भेजकर अनुरोध किया था। केंद्रीय मंत्री श्रीमती पटेल ने पत्र के माध्यम से कहा था कि मीरजापुर जिले में गंगा नदी पर दुद्धी-लुम्बनी मार्ग पर लगभग पांच दशक पहले बने दो लेन के सामान्य क्षमता के पुल के विगत एक दशक से बार-बार खराब हो जाने के कारण भारी यातायात के सैकड़ों किमी अनावश्यक दूरी घूमकर आने-जाने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है।

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लिया जायजा

यह पुल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व झारखंड प्रदेश एवं तमिलनाडु / कर्नाटक / महाराष्ट्र / मध्यप्रदेश से वाराणसी-कन्याकुमारी (राष्ट्रीय राजमार्ग 7) का प्रयोग कर आने वाले भारी यातायात को राजधानी लखनऊ और पूर्वांचल तथा दिल्ली-कोलकत्ता राष्ट्रीय राजमार्ग 2 के माध्यम से अपने-अपने गंतव्य मार्ग को आने-जाने हेतु लाइफ लाइन सड़क पर स्थित एवं एकमात्र पुल है जो विगत एक दशक से क्षतिग्रस्त है, जिसके कारण जिला प्रशासन को किसी बड़े हादसे से बचाने हेतु पुल पर भारी यातायात के आवागमन को बार-बार रोककर मरम्मत कराना पड़ता है, जिसके कारण हैरान परेशान जनमानस का जहां सरकार को कोपभाजन होना पड़ रहा है। वहीं जिला प्रशासन को भी बार-बार स्थिति को नियंत्रित करने में परेशानी हो रही है।
केंद्रीय मंत्री श्रीमती पटेल ने कहा कि इस पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण अन्य राज्यों से आने वाले तथा राजधानी लखनऊ सहित मध्य उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल की ओर जाने वाले निर्माण सामग्री से भरे हुए हजारों ट्रकों को प्रतिदिन सैकड़ों किमी घूमकर जाना पड़ता है, जिससे ईंधन खर्च के रूप में अनावश्यक हानि होती है। साथ ही, वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के सौंदर्यीकरण विस्तार एवं मीरजापुर में मां विंध्यवासिनी कॉरिडोर के निर्माण शुरू होने से जनपद में दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ गई है, लेकिन क्षतिग्रस्त एवं आवागमन के एकमात्र साधन उपरोक्त संदर्भित पुल पर संपूर्ण देश से आने वाले दर्शनार्थियों का अलग से अतिरिक्त बढ़गडकरी को पत्र लिखकर अनुरोध किया था। इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इस बाबत 20 जनवरी 2024 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और 24 सितंबर 2023 को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन को पत्र लिखकर गंगा नदी पर विंध्य धाम के आसपास एक नए 6 लेन के उच्च क्षमता वाले पुल के साथ-साथ मीरजापुर बाईपास मार्ग के निर्माण हेतु पत्र भेजकर अनुरोध किया था। केंद्रीय मंत्री श्रीमती पटेल ने पत्र के माध्यम से कहा था कि मीरजापुर जिले में गंगा नदी पर दुद्धी-लुम्बनी मार्ग पर लगभग पांच दशक पहले बने दो लेन के सामान्य क्षमता के पुल के विगत एक दशक से बार-बार खराब हो जाने के कारण भारी यातायात के सैकड़ों किमी अनावश्यक दूरी घूमकर आने-जाने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। यह पुल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व झारखंड प्रदेश एवं तमिलनाडु / कर्नाटक / महाराष्ट्र / मध्यप्रदेश से वाराणसी-कन्याकुमारी (राष्ट्रीय राजमार्ग 7) का प्रयोग कर आने वाले भारी यातायात को राजधानी लखनऊ और पूर्वांचल तथा दिल्ली-कोलकत्ता राष्ट्रीय राजमार्ग 2 के माध्यम से अपने-अपने गंतव्य मार्ग को आने-जाने हेतु लाइफ लाइन सड़क पर स्थित एवं एकमात्र पुल है जो विगत एक दशक से क्षतिग्रस्त है, जिसके कारण जिला प्रशासन को किसी बड़े हादसे से बचाने हेतु पुल पर भारी यातायात के आवागमन को बार-बार रोककर मरम्मत कराना पड़ता है, जिसके कारण हैरान परेशान जनमानस का जहां सरकार को कोपभाजन होना पड़ रहा है। वहीं जिला प्रशासन को भी बार-बार स्थिति को नियंत्रित करने में परेशानी हो रही है।
केंद्रीय मंत्री श्रीमती पटेल ने कहा कि इस पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण अन्य राज्यों से आने वाले तथा राजधानी लखनऊ सहित मध्य उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल की ओर जाने वाले निर्माण सामग्री से भरे हुए हजारों ट्रकों को प्रतिदिन सैकड़ों किमी घूमकर जाना पड़ता है, जिससे ईंधन खर्च के रूप में अनावश्यक हानि होती है। साथ ही, वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के सौंदर्यीकरण विस्तार एवं मीरजापुर में मां विंध्यवासिनी कॉरिडोर के निर्माण शुरू होने से जनपद में दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ गई है, लेकिन क्षतिग्रस्त एवं आवागमन के एकमात्र साधन उपरोक्त संदर्भित पुल पर संपूर्ण देश से आने वाले दर्शनार्थियों का अलग से अतिरिक्त बढ़ गया है। अत: इस गंभीर समस्या के निदान हेतु क्षतिग्रस्त पुल के विकल्प के रूप में गंगा नदी पर विंध्य धाम के आसपास एक नए 6 लेन के उच्च क्षमता वाले पुल के साथ-साथ मीरजापुर बाईपास मार्ग के निर्माण के इस प्रस्तावित कार्य को स्वीकृति प्रदान करने का कष्ट करें। इस दौरान जिला अध्यक्ष इंजीनियर राम लौटन बिंद, जिला महामंत्री हरिशंकर सिंह पटेल, प्रदेश सचिव रामवृक्ष बिंद, प्रदेश सचिव पंचायत मंच गोवर्धन पटेल, जिला अध्यक्ष आईटी मंच हेमंत कुमार बिंद, जिला उपाध्यक्ष राधेश्याम पटेल, जोन अध्यक्ष डॉ श्याम कुशवाह, नगर पश्चिमी अध्यक्ष भावेश शर्मा, भाजपा नगर मंत्री विकास गुप्ता, भाजपा नेता गोविंद प्रसाद बिंद, भाजपा नेता विकास द्विवेदी, भाजपा नेता कृष्ण कुमार पांडे, भाजपा नेता किसोर सैनी, सेक्टर अध्यक्ष विशंभर पांडे, प्रशांत शुक्ला, राहुल ओझा, डॉ संतोष बिंद आदि अनेक पदाधिकारी उपस्थित रहें।