Loading

विकास दत्त मिश्रा वाराणसी

• व्यवहारिक समस्या के निवारण हेतु व्यवहार परिमार्जन आवश्यक: डा० मनोज तिवारी

वाराणसी। भारतीय पुनर्वास परिषद, नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित व नई सुबह मानसिक स्वास्थ्य व व्यवहार विज्ञान संस्थान, वाराणसी द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सतत पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम के अंतिम दिन समापन व प्रमाण-पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नई सुबह संस्था के संस्थापक व प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डा०अजय तिवारी ने कहा कि सतत पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम प्रोफेशनल्स के कौशल व ज्ञान में संवर्धन का अच्छा माध्यम है नई सुबह संस्था सतत पुनर्वास कार्यक्रम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण-प्रशिक्षण हेतु प्रतिबद्ध है। व्यवहार परिमार्जन जन सामान्य से जुड़ा गंभीर विषय इसके प्रति सभी को जागरूक होना आवश्यक है। प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक डा० मनोज कुमार तिवारी वरिष्ठ परामर्शदाता, एआरटीसी, एस एस हॉस्पिटल, आईएमएस, बीएचयू ने कहा की आधुनिक समय में बच्चों में अनेक व्यवहारिक समस्याएं बढ़ रही हैं इसलिए प्रत्येक अभिभावक एवं शिक्षक को व्यवहार परिमार्जन के तकनीकों तथा उनके उपयोग के तौर-तरीकों के बारे में जानना अत्यंत आवश्यक है ताकि समय रहते बच्चों की समस्यात्मक व्यवहार का निराकरण किया जा सके। कार्यक्रम में विभिन्न प्रांतो से आए हुए मनोवैज्ञानिक, विशेष शिक्षक व सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रशिक्षण में शामिल सहभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सुनीता तिवारी, प्रज्ञा मित्रा, राजीव कुमार सिंहा, अर्पिता मिश्रा, अमरेश कुमार यादव, गौरव कुमार व अन्य लोग शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन आस्था जायसवाल तथा धन्यवाद ज्ञापन डा० आदित्य तिवारी ने किया।