ईश्वर जायसवाल-(डाला)
डाला। चोपन विकास खंड के अंतर्गत कोटा ग्राम पंचायत मे डाला चढ़ाई पर ग्रामीणों के अवागमन के लिए बनाई गई पुलिया को तार घेरे बंदी कर दिए जाने के बाद सैकड़ों ग्रामीणों को बरसात मे नाले से होकर गुजरना पड़ता है जिसको लेकर दर्जनों ग्रामीण महिलाओं ने नाले मे खडा होकर नाराजगी जाहिर की। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्रामीणों ने बताया कि इस रास्ते से परासपानी, तेलगुड़वा पश्चिम, छपरहवा व सलईबनवा के सैकड़ों ग्रामीण आदिवासी के आवागमन मे दिक्कत उत्पन्न ना हो जिसको लेकर वर्ष 2006 मे लाखों रुपए का इस्तेमाल करके एक पुलिया बनाई गई तो लोगों का आवागमन बहाल हो गया ,परन्तु डेढ़ दशक बाद काश्तकार द्वारा निजि जमीन बताकर पुलिया को कब्जा कर लिया गया जिसके चलते ग्रामीणों ने विरोध किया परन्तु ग्रामीणों की एक ना चली, ग्रामीण काश्तकार से बिबाद ना हो जिससे चलते पुलिया के बगल से नाले से आना जाना चालु कर दिया, परन्तु हो रही है बरसात मे नाले मे पानी भर जाने से दर्जनों टोलो का आवागमन रुक जाता है, साथ ही आवागमन को बहाल करने के लिए पांच किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है।
जबकि ग्राम पंचायत द्वारा जब भी सार्वजनिक धन का इस्तेमाल करके सार्वजनिक लोगों के लिए पुलिया बनाई तो आज हमें क्यो रोका जा रहा है। झपरहवां टोले के दर्जनों ग्रामीणों ने कोटा ग्राम प्रधान को पत्र लिखकर पुलिया की समस्या को दूर करने की ग्राम पंचायत सदस्य मलिका मिर्जा को पत्र दिया। इस दौरान शांति देवी, मंगरी देवी, शीला देवी, पानपती देवी, सुदेश्वरी, अनीता, सुनीता, आदि लोग मौजूद रहे।