नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तरप्रदेश में मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘बनारस’ करने की मंजूरी दे दी है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। उत्तर प्रदेश सरकार ने वाराणसी जिले में रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए आग्रह भेजा था। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘बनारस’ करने के लिए ‘अनापत्ति प्रमाण पत्र’ जारी किया गया है। गृह मंत्रालय नाम बदलने के लिए वर्तमान दिशा-निर्देशों के मुताबिक संबंधित एजेंसियों से विचार-विमर्श करता है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि वह किसी भी स्थान का नाम बदलने के प्रस्ताव को रेल मंत्रालय, डाक विभाग और सर्वे ऑफ इंडिया से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के बाद ही मंजूरी देता है। अधिकारी ने बताया कि किसी गांव या शहर या नगर का नाम बदलने के लिए शासकीय आदेश की जरूरत होती है। किसी राज्य के नाम में बदलाव के लिए संसद में साधारण बहुमत से संविधान में संशोधन की जरूरत होती है। मालूम हो कि गृह मंत्रालय नाम बदलने के प्रस्तावों पर संबंधित एजेंसियों के साथ विचार-विमर्श करके वर्तमान दिशा-निर्देशों के मुताबिक विचार करता है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय किसी भी स्थान के नाम परिवर्तन के प्रस्ताव पर रेल मंत्रालय, भारतीय डाक और सर्वेक्षण विभाग से अनापत्ति हासिल करने के बाद अपनी मंजूरी प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि गांव या कस्बे या शहर के नाम में परिवर्तन के लिए कार्यकारी आदेश की आवश्यकता होती है। जबकि राज्य का नाम बदलने के लिए संसद में साधारण बहुमत से संविधान संशोधन आवश्यक होता है। बताया जा रहा है कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक बनारस का पुराना गौरव सहेजने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। यूपी सरकार के इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए गृह मंत्रालय ने अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। इसके साथ ही मंडुआडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस जंक्शन किए जाने का रास्ता अब साफ हो गया है। बता दें कि मंडुआडीह से पहले भी उत्तर प्रदेश के मुगलसराय और इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशनों के नाम भी बदले गए थे। मुगलसराय जंक्शन का नाम पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन और इलाहाबाद जंक्शन का नाम प्रयागराज जंक्शन कर दिया गया था। नाम बदले जाने को लेकर खूब सियासत भी हुई थी।