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परमेश्वर दयाल श्रीवास्तव-(घोरावल)

घोरावल (सोनभद्र)। विन्ध्य गंगा सेवा संस्कृति संस्थान के तत्वावधान मे घोरावल ब्लाक के शिवद्वार मे आयोजित श्री अभिषेकात्मक रुद्र महायज्ञ के पांचवे दिन वृंदावन से पधारी साक्षी किशोरी जी की कथा नए सोपान पर पहुंची और श्रद्धालुओं को राम कथा सुनाई गई। “भये प्रकट कृपाला दीनदयाला, कौशिल्या हितकारि। हर्षित महतारि मुनिमन हारि, अद्भुत रूप निहारी से कथा प्रारंभ हुई।” इसी संदर्भ में पूर्व के वृत्तांत प्रस्तुत करते हुए राजा दशरथ के इंद्र के दरबार में अवमानना पाने के बाद पुत्र मोह की आशक्ति बढ़नी बताई।और आगे कहा कि अपने गुरु वशिष्ठ के यहां जाकर अपनी व्यथा कथा सुनाने के बाद पुत्र प्राप्ति के लिए श्रृंगी ऋषि को अयोध्या बुलाकर पुत्रेष्टि महायज्ञ कराया। किशोरी जी ने यज्ञ से प्राप्त प्रसाद के कैकेयी द्वारा खिड़की पर रखे जाने और एक चील द्वारा उसे लेकर उड़ जाने के बाद तपस्या रत अंजना को प्रसाद मिलने व ग्रहण करने के बाद हनुमान की उत्पत्ति कथा सुनाई।इसके साथ ही भगवान राम की स्तुति मंच से भजन के द्वारा गाया। तो वाद्य यंत्र वादकों ने कथा विसर्जन के समय सोहर गीत का अभिनव व आकर्षक गायन से श्रोता भाव विभोर हो उठे। संगीतमय कथा में वाद्ययंत्र वादकों के दल का वादन सराहनीय रहा। जिसमें सुनील पाठक, राजेश शास्त्री वृन्दावन, आशीष पांडेय, सर्वेश सिंह, धनञ्जय शाह रहे। श्रद्धालुओं में विजयानन्द मिश्र, उदित नारायण पाठक, राम निवास शुक्ल, डॉ.परमेश्वर दयाल पुष्कर, देवचरन यादव, ठाकुर प्रसाद दुबे, नंदकुमार, राघवेन्द्र सिंह, लक्ष्मण सिंह, वैकुण्ठनाथ शुक्ल समेत ग्रामीणजन उपस्थित रहे।