सोनभद्र कार्यालय
- 28 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद
- अर्थदंड की धनराशि नियमानुसार पीड़िता को मिलेगी
- चार साल पूर्व 16 वर्षीय किशोरी के साथ किया था दुष्कर्म
सोनभद्र। अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने मंगलवार को चार साल पूर्व 16 वर्षीय किशोरी के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में दोषी चंदन स्वीपर को दोषसिद्ध पाकर 20 साल की कैद एवं 28 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित रहेगी। पीड़िता को अर्थदंड की धनराशि नियमानुसार मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक पिपरी थाना क्षेत्र की पीड़ित किशोरी की माँ ने थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि 20 जून 2017 को दोपहर में जब घर पर सिर्फ अकेली उसकी 16 वर्षीय बेटी थी तभी पिपरी थाना क्षेत्र के मूर्धवा रेनुकूट निवासी चंदन स्वीपर आया और उसे बहला फुसलाकर भगा ले गया। 22 जून 2017 को ओबरा से उसके कब्जे से छुड़ा लिया। पीड़ित किशोरी ने बताया कि उसके साथ चाकू दिखाकर जबरन दुष्कर्म भी किया। इसके अलावा यह भी बताया कि कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया। इसपर पुलिस ने अपहरण, दुष्कर्म एवं पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने के पश्चात दोषसिद्ध पाकर दोषी चंदन स्वीपर को 20 वर्ष की कैद एवं 28 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड की धनराशि नियमानुसार पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील दिनेश अग्रहरि एवं सत्यप्रकाश तिवारी ने बहस की।