विक्की यादव/रेणुकूट
◆ भगवान परशुराम के आचरण को आत्मसात करने का उपस्थितों ने लिया संकल्प
रेणुकूट(सोनभद्र)। भक्ति एवं शक्ति के प्रतीक, भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्मोत्सव परंपरानुसार शंखनाद के बीच मनाया गया। मुर्धवां के समीप खाड़पाथर स्थित पंडित जगत नारायण शुक्ल इंटरमीडिएट कॉलेज परिसर में मंगलवार को भगवान परशुराम जन्मोत्सव पूरे मनोयोग के साथ विधि विधान से मनाया गया। इस दौरान सर्वप्रथम भगवान परशुराम के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें शत-शत नमन किया गया और भारतीय संस्कृति के अनुसार पूजनोत्सव कर उपस्थित विप्र बंधुओं ने उनके आचरण को अपने अंदर आत्मसात करने की प्रतिबद्धता प्रगट की। कार्यक्रम का सफल संचालन पत्रकार मस्तराम मिश्रा ने
तथा जन्मोत्सव संगोष्ठी की अध्यक्षता उमेश ओझा ने किया। कॉलेज के प्रबंधक एवं परशुराम जन्मोत्सव के आयोजक चंद्रमणि शुक्ला ने कहा कि आज हम वित्त समाज के लोग कहीं ना कहीं भगवान परशुराम के आचार्य विचार और संस्कार से दूर होते जा रहे हैं जिसका दुष्परिणाम हमें भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने समुदाय के सभी सम्मानित जनों से अपील करते हुए कहा कि हमें यदि अपने गौरव को इस समाज में बनाए रखना है तो आज हम सभी को भगवान परशुराम के आचरण को अपने अंदर आत्मसात करने का संकल्प लेना होगा। कई अन्य वक्ताओं ने भी श्री शुक्ला जी के विचारों से अपनी सहमति प्रकट करते हुए उसे आचरण में ढालने की बात कही। इस अवसर पर लोगों ने शंखनाद कर भगवान परशुराम की जय कारे भी लगाए। इस मौके पर अरुण कुमार तिवारी, घनश्याम तिवारी, राकेश पांडेय, शैलेश तिवारी, राजेश पांडेय, महेश पांडेय समेत दर्जनों गणमान्य विप्र गण मौजूद रहे।