● विचार गोष्ठी आयोजन जिलाध्यक्ष ग्रा०पत्र०एसो० उ०प्र० सोनभद्र सुधाकर मिश्र की अध्यक्षता हुई आयोजीत
अर्पित दुबे (करमा) ककराही
सोनभद्र। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन उ०प्र० जनपद ईकाई सोनभद्र के तत्वावधान में हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर रविवार को सायंकाल आन लाइन जनपद के हर अंचल के जिला व तहसील अध्यक्ष सहित सभी पदाधिकारियों से “पत्रकारिता कठिन दौर में”विषय पर विचार गोष्ठी जिलाध्यक्ष ग्रा०पत्र०एसो० उ०प्र० सोनभद्र सुधाकर मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित हुई।उक्त गोष्ठी में जनपद के वरिष्ठ पत्रकार,लेखक,कवि व सामाजिक कार्यकर्ता श्री नरेन्द्र नीरव जी ने पत्रकारिता व पत्रकारों की वर्तमान समस्याओं के संबंध में तथा पत्रकारों का क्या दायित्व है व क्या समाज उनसे अपेक्षा करता है, कोरोनावायरस काल में पत्रकार चिकित्सकों के साथ साथ फ्रण्ट वर्कर की भांति हर मोर्चे पर डटा रहा ,कइयों की जानें भी गयीं, लेकिन अपने कर्तव्यपथ से वह पीछे नहीं हटा।मैं पत्रकारों से अपेक्षा करता हूं कि वे बेवस व बेसहारा का सहारा व बेजुबानों की आवाज बनें।आज पत्रकारिता मिशन नहीं रह गया,मात्र यह पूंजी पतियों के हाथकी कठपुतली बन कर रह गया है।आज पत्रकारिता करने वाले अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पहले एक ही खबर छपने पर प्रशासन में हड़कंप मच जाता था,आज छपता रहे कुछ नहीं हो रहा यह दुःख का विषय है, हिन्द पत्रकारिता की शुरुआत व तब कुछ व अब की पत्रकार पर विस्तार से विचार रखा।उन्होंने पत्रकारिता दिवस पर जनपद के पत्रकारों को अपनी ओर से शुभकामनाएं दी। गोष्ठी में विंध्याचल मंडल उपाध्यक्ष डा तेजबल ,राजेन्द्र मानव, राजेश पाठक, अमरेश अंबर, अनुराग पाण्डेय,अमिताभ मिश्र, शाहनूर,वीरेन्द्र,ज्ञानेन्द्र, रामकेश यादव,संजय यादव, रामप्यारे सिंह,एस पी तनेजा, सुमन तिवारी व रोहित दुबे आदि इन लाईन जुड़े, उनमें प्रमुख रुप से श्रु राजेन्द्र मानव, अमरेश अंबर, सुमन तिवारी जीअनुराग पाण्डेय,वराजेश पाठक ने अपने अपने विचार व्यक्त किए।अंत में अध्क्षक्षीय उद्बोधन करते हुए श्री सुधाकर मिश्र जिलाध्यक्ष ने मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता श्री नरेन्द्र नीरव जी का व गोष्ठी में सम्मिलित होने वाले सभी अंचल के पत्रकारों को हिन्दी पत्रकारिता दिवस क्यों मनाया जाता है ३०मई१८२६पं जुगल किशोर शुक्ला जी के उदंन्त मार्तण्ड,व काशी के ही १८२६ के हिन्दी पट्टी व १८४५ में बनारस समाचार पत्र जिसके प्रकाशक राजा शिवप्रसाद सितारे हिन्द से लेकर १८५८ के भारतेन्दु बाबू हरिश्चन्द्र जी की मासिक पत्रिका कविबचन सुधा व उसके बाद के समाचार पत्रों के उतार चढ़ाव पर चर्चा की।अंत में श्री राजेशपाठक जी ने बताया कि जिलाध्यक्ष जी चाहते हैं कि हर महीने के अंतिम रविवार को कोरोनावायरस काल तक बैठक इसी प्रकार आयोजित हो। सभी का आभार व्यक्त करते हुए बैठक स्थगित करने की घोषणा की।